तू ने किसको आबाद किया मुझे बर्बाद करके।
हम उससे थोड़ी दूरी पर हमेशा रुक से जाते हैं,
जहाँ तक रास्माता मालूम था हमसफर चलते गए,
मैंने कहा, नहीं दिल में एक बेवफा की तस्वीर बसी है,
मैं धीरे-धीरे उनका दुश्मन-ए-जाँ बनता जाता हूँ,
न जाने उससे मिलने का इरादा कैसा लगता है,
उजालों में चिरागों की अहमियत नहीं होती।
बिछड़ के तुझसे हर रास्ता सुनसान रहता है,
तुमको याद रखने में मैं क्या-क्या भूल जाता हूँ,
बिछड़ के shayari in hindi मुझ से वो दो दिन उदास भी न रहे।
कभी उनकी याद आती है कभी उनके ख्वाब आते हैं,
जर्रे-जर्रे में वो है और कतरे-कतरे में तुम।
कि पता पूछ रहा हूँ मेरे सपने कहाँ मिलेंगे?
मगर उसका बस नहीं चलता मेरी वफ़ा के सामने।